स्वच्छ भारत अभियान क्या है? पूरी जानकारी
स्वच्छ भारत अभियान: एक विस्तृत विवरण
भूमिका
स्वच्छ भारत अभियान, जिसे स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) भी कहा जाता है, भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक राष्ट्रीय अभियान है। इसका उद्देश्य भारत को स्वच्छ और खुले में शौच मुक्त (ODF) बनाना है। इस अभियान की शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की 145वीं जयंती के अवसर पर की गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के राजघाट से इस अभियान की शुरुआत की और इसे महात्मा गांधी को समर्पित किया, जिन्होंने स्वच्छता को अपने जीवन और दर्शन का एक अभिन्न हिस्सा माना था।
स्वच्छ भारत अभियान का इतिहास
स्वच्छता की आवश्यकता और उसके महत्व पर महात्मा गांधी ने विशेष जोर दिया था। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान उन्होंने स्वच्छता को एक सामाजिक आवश्यकता बताया और इसे स्वतंत्रता से भी अधिक महत्वपूर्ण करार दिया। हालाँकि, स्वतंत्रता के बाद भी स्वच्छता को वह प्राथमिकता नहीं मिल सकी जो इसे मिलनी चाहिए थी।
2000 के दशक में, भारत में स्वच्छता की स्थिति सुधारने के लिए विभिन्न प्रयास किए गए, जिनमें ‘निर्मल भारत अभियान’ भी शामिल था। लेकिन इसे एक व्यापक रूप 2014 में स्वच्छ भारत मिशन के तहत मिला।
स्वच्छ भारत अभियान के उद्देश्य
स्वच्छ भारत अभियान के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:
- खुले में शौच समाप्त करना: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शौचालयों का निर्माण कर खुले में शौच को समाप्त करना।
- ठोस और तरल कचरा प्रबंधन: ठोस कचरे के प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीकों को अपनाना और तरल कचरे का उचित निपटान सुनिश्चित करना।
- सार्वजनिक स्थानों की सफाई: सड़कों, बाजारों, पार्कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों को साफ-सुथरा बनाए रखना।
- स्वच्छता के प्रति जागरूकता: स्वच्छता के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करना और उन्हें इसमें सक्रिय भागीदार बनाना।
- स्वास्थ्य सुधार: स्वच्छता के माध्यम से स्वास्थ्य को बेहतर बनाना और स्वच्छता से संबंधित बीमारियों को कम करना।
अभियान की संरचना
स्वच्छ भारत अभियान को दो भागों में विभाजित किया गया है:
- स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण):
- इसे ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा लागू किया जाता है।
- इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालयों का निर्माण करना और स्वच्छता की आदतों को प्रोत्साहित करना है।
- खुले में शौच मुक्त (ODF) ग्राम और ब्लॉक बनाना इसका मुख्य लक्ष्य है।
- स्वच्छ भारत मिशन (शहरी):
- इसे आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा संचालित किया जाता है।
- ठोस कचरा प्रबंधन, शौचालय निर्माण, और शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता सुविधाओं का विकास इस मिशन के अंतर्गत आता है।
अभियान के तहत उठाए गए प्रमुख कदम
- शौचालय निर्माण:
- ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में व्यक्तिगत और सामुदायिक शौचालयों का निर्माण।
- स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में शौचालय निर्माण।
- स्वच्छ सर्वेक्षण:
- हर साल शहरों और कस्बों की स्वच्छता की रैंकिंग करने के लिए स्वच्छ सर्वेक्षण का आयोजन।
- सार्वजनिक जागरूकता:
- मीडिया, सोशल मीडिया, और अन्य माध्यमों से स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना।
- स्वच्छता अभियान के ब्रांड एंबेसडर नियुक्त करना।
- ठोस कचरा प्रबंधन:
- घर-घर से कचरा संग्रहण की व्यवस्था।
- कचरे को जैविक और अजैविक में अलग करना।
- बायोगैस प्लांट और कंपोस्टिंग इकाइयों की स्थापना।
- प्लास्टिक मुक्त भारत:
- सिंगल-यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध।
- प्लास्टिक अपशिष्ट के निपटान के लिए जागरूकता अभियान।
स्वच्छ भारत अभियान की उपलब्धियां
- शौचालय कवरेज:
- स्वच्छ भारत मिशन के तहत 10 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया।
- 2014 में जहाँ शौचालय कवरेज 39% था, वहीं 2019 तक यह 100% के करीब पहुँच गया।
- खुले में शौच मुक्त (ODF):
- अक्टूबर 2019 तक 6 लाख से अधिक गाँवों को ODF घोषित किया गया।
- स्वच्छ सर्वेक्षण:
- इंदौर लगातार सबसे स्वच्छ शहर के रूप में उभरा।
- स्वच्छ सर्वेक्षण ने शहरों और कस्बों में स्वच्छता को लेकर प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया।
- जागरूकता में वृद्धि:
- अभियान के कारण स्वच्छता के प्रति लोगों की मानसिकता में बड़ा बदलाव आया।
- स्वास्थ्य में सुधार:
- स्वच्छता के कारण डायरिया, मलेरिया, और टाइफाइड जैसी बीमारियों में कमी आई।
अभियान की चुनौतियाँ
- व्यवहारिक परिवर्तन:
- स्वच्छता की आदतों को अपनाने में लोगों को प्रेरित करना सबसे बड़ी चुनौती है।
- कचरा प्रबंधन:
- ठोस कचरे का सही तरीके से निपटान और पुनर्चक्रण अभी भी एक बड़ी समस्या है।
- वित्तीय बाधाएँ:
- ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता सुविधाओं के विकास के लिए पर्याप्त धनराशि की आवश्यकता है।
- प्रभावी कार्यान्वयन:
- योजना का सही तरीके से कार्यान्वयन सुनिश्चित करना मुश्किल है, खासकर ग्रामीण इलाकों में।
अभियान के सामाजिक और आर्थिक लाभ
- स्वास्थ्य में सुधार:
- स्वच्छता से संबंधित बीमारियों में कमी आई, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव कम हुआ।
- पर्यावरण संरक्षण:
- कचरा प्रबंधन और प्लास्टिक उपयोग में कमी से पर्यावरण को लाभ हुआ।
- आर्थिक विकास:
- स्वच्छता से पर्यटन को बढ़ावा मिला, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा हुए।
- सामाजिक जागरूकता:
- स्वच्छता के प्रति लोगों की मानसिकता में सकारात्मक बदलाव आया।
भविष्य की योजनाएँ
- स्वच्छ भारत मिशन 2.0:
- 2021 में शुरू किए गए इस चरण में ठोस और तरल कचरा प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया गया।
- प्लास्टिक कचरे का निपटान:
- सिंगल-यूज प्लास्टिक के पूर्ण उन्मूलन की योजना।
- डिजिटल तकनीक का उपयोग:
- स्मार्ट स्वच्छता समाधान और डिजिटल तकनीक का अधिक उपयोग।
- सामुदायिक भागीदारी:
- नागरिकों, गैर-सरकारी संगठनों और निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करना।
- शिक्षा और प्रशिक्षण:
- स्वच्छता के महत्व को शिक्षा के माध्यम से बच्चों और युवाओं में समाहित करना।
अभियान का प्रभाव और महत्वपूर्ण आंकड़े
- स्वच्छता कवरेज:
- 2019 तक, ग्रामीण स्वच्छता कवरेज 100% तक पहुँच गया।
- शहरी स्वच्छता:
- शहरी क्षेत्रों में ठोस कचरा प्रबंधन की कवरेज में 70% की वृद्धि हुई।
- जागरूकता अभियान:
- 5000 से अधिक गांवों में स्वच्छता जागरूकता अभियान चलाए गए।
- कचरे का पुनर्चक्रण:
- 60% से अधिक ठोस कचरे को पुनर्चक्रण में लाया गया।
- स्वच्छता का सामाजिक प्रभाव:
- महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा में सुधार हुआ।
निष्कर्ष
स्वच्छ भारत अभियान न केवल भारत को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह सामाजिक जागरूकता और सामुदायिक भागीदारी का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी है। इस अभियान ने यह साबित कर दिया कि सही नेतृत्व और सामूहिक प्रयासों से बड़े से बड़े लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकता है। हालाँकि चुनौतियाँ अभी भी मौजूद हैं, लेकिन सरकार और जनता के संयुक्त प्रयासों से भारत को एक स्वच्छ और स्वस्थ देश बनाना संभव है।
महात्मा गांधी के स्वप्न को साकार करने की दिशा में स्वच्छ भारत अभियान एक ऐतिहासिक पहल है। यह अभियान केवल सरकार का नहीं, बल्कि हर भारतीय का है। इसलिए, हम सबकी ज़िम्मेदारी है कि इसे सफल बनाएं और भारत को एक स्वच्छ और सुंदर देश बनाएं।
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Ranjeet Kumar Pathak
( B.Sc Physics V.K.S. University )