पाठ -7 हिरोशिमा (सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय) V.V.I Subjective Question Answer 2024
Q 1. हिरोशिमा में मनुष्य की साखी के रूप में क्या है ?
उत्तर :- आज भी हिरोशिमा में साक्षी के रूप में अर्थात् प्रमाण के रूप में जहाँ-तहाँ जले हुए पत्थर, दीवारें पड़ी हुई हैं। यहाँ तक कि पत्थरों पर, टूटी-फूटी सड़कों पर, घर की दीवारों पर लाश के निशान छाया के रूप में साक्षी हैं।
Q 2. कविता के प्रथम अनुच्छेद में निकलने वाला सूरज क्या है? वह कैसे निकलता है ?
उत्तर :- कविता के प्रथम अनुच्छेद में निकलने वाला सूरज आण्विक बम का प्रचण्ड गोला है। ऐसा प्रतीत होता है कि वह क्षितिज से न निकलकर धरती फाड़कर निकलता है।
Q 3. मनुष्य की छायाएँ कहाँ और क्यों पड़ी हुई हैं ?
उत्तर :- मनुष्य की छायाएँ हिरोशिमा की धरती पर सब ओर दिशाहीन होकर पड़ी हुई हैं। जहाँ-तहाँ घर की दीवारों पर मनुष्य छायाएँ मिलती हैं। टूटी-फूटी सड़कों से लेकर पत्थरों पर छायाएँ प्राप्त होती हैं।
Q 4. प्रज्वलित क्षण की दोपहरी से कवि का आशय क्या है ?
उत्तर :- हिरोशिमा में जब बम का प्रहार हुआ तो प्रचण्ड गोलों से तेज प्रकास निकला और वह चतुर्दिक फैल गया । इस अप्रत्याशित प्रहार से हिरोशिमा के लोग हतप्रभ रह गये । उन्हें ऐसा लगा कि धीरे-धीरे आनेवाला दोपहर आज एक क्षण में ही उपस्थित हो गया ।
Q 5. छायाएँ दिशाहीन सब ओर क्यों पड़ती हैं ? स्पष्ट करें।
उत्तर :- सूर्य के उगने से जो भी बिम्ब-प्रतिबिम्ब या छाया का निर्माण होता है वे सभी निश्चित दिशा में लेकिन बम-विस्फोट से निकले हुए प्रकाश से जो छायाएँ बनती हैं वे दिशाहीन होती हैं। क्योंकि, आण्विक शक्ति से निकले हुए प्रकाश सम्पूर्ण दिशाओं में पड़ता है। उसका कोई निश्चित दिशा नहीं है। बम के प्रहार से मरने वालों की क्षत-विक्षत लाशें विभिन्न दिशाओं में जहाँ-तहाँ पड़ी हुई हैं। ये लाशें छाया-स्वरूप हैं, परन्तु चतुर्दिक फैली होने के कारण दिशाहीन छाया कही गयी है।
Welcome To VKSUINFO
हैलो दोस्तों
आपका स्वागत है हमारे Website (VKSUINFO.COM) पर। आपको इस Website के माध्यम से B.A/B.sc/B.com की तैयारी तथा परीक्षा के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी। अगर आप प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे है तो आपका स्वागत है हमारे Website पर। आप हमारे Website पर निःशुल्क तैयारी कर सकते हैं ।
धन्यवाद
Ranjeet Kumar Pathak
( B.Sc Physics V.K.S. University )