भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन का नाम क्या है?
चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) गगनयान मिशन की तैयारियों में जुटा है। ISRO 2040 तक चंद्रमा पर इंसान को भेज सकता है। 2035 तक अपना स्पेस स्टेशन बना सकता है। हालांकि इससे पहले 2025 में वह अंतरिक्ष में मानव मिशन गगनयान भेजेगा।
भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्रमा पर सुनहरे कदम का रोडमैप
अक्तूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2035 तक भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाने और 2040 तक चंद्रमा पर भारतीय को उतारने के लक्ष्य तय किए। इस रणनीतिक रोडमैप में बताया कि गगनयान 2025 में पहली बार किसी भारतीय को अंतरिक्ष में भेजेगा। नई पीढ़ी का प्रक्षेपण व्हीकल (एनजीएलवी) यानी नया रॉकेट भी विकसित करेंगे।
फायदा: ये मिशन अंतरिक्ष में हमारी मौजूदगी को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे। अंतरिक्ष विज्ञान क्षेत्र में हमारे शोध पूरी दुनिया के लिए मददगार होंगे और हमें अंतरिक्ष महाशक्ति के रूप में पहचान पुख्ता करने में मदद मिलेगी।
आदित्य एल1: सूर्य को जानने निकले
सूर्य के अध्ययन के लिए हमने 2 सितंबर को अपना पहला मिशन आदित्य एल1 भेजा। यह 15 लाख किमी का सफर तय कर नए साल के शुरुआती 10 दिन में लग्रांजियन बिंदु 1 यानी एल1 पर पहुंचेगा। इस 1,500 किलो वजनी उपग्रह में 7 उपकरण हैं। इनमें से 3 कई तरह के वैज्ञानिक परीक्षण भी करेंगे।
उद्देश्य: मिशन सूर्य क्रोमोस्फीयर व कोरोना का अध्ययन करेगा। नतीजे में सूरज से निकलने वाले सौर-तूफानों, रेडियोधर्मिता व चुंबकीय क्षेत्र से जुड़े अध्ययन और सौर हलचलों के पूर्वानुमानों में मदद मिलेगी। इससे भारत समेत कई देशों के सैटेलाइट को नुकसान से बचाने में मदद मिलेगी। यह मिशन पांच साल तक सूर्य की भीतरी सतह के मुकाबले बाहरी सतह का तापमान कई गुना अधिक होने जैसे कई रहस्यों को सुलझाने में भी मदद देगा।
यदि पहली इकाई 2028 तक तैयार हो जाती है, जैसा कि सोमनाथ ने अनुमान लगाया है, तो भारत को पीएमओ द्वारा घोषित 2035 लक्ष्य के अनुसार एक या दो साल के अंतर के साथ पूरे स्टेशन का निर्माण करने में सक्षम होना चाहिए।
2035 तक भारत स्थापित करेगा अपना स्पेस स्टेशन
अंतरिक्ष विभाग ने गगनयान मिशन की प्रगति के बारे में विस्तार से जानकारी दी, जिसमें अब तक विकसित विभिन्न टेक्नोलॉजी जैसे ह्यूमन-रेटेड लॉन्च वाहन और सिस्टम क्वालिफिकेशन शामिल हैं। ह्यूमन-रेटेड लॉन्च व्हीकल (HLVM3) के 3 मिशनों समेत करीब 20 बड़े टेस्ट की योजना बनाई गई है।
हाल के दिनों में चंद्रयान-3 की सफलताओं को देखते हुए पीएम मोदी ने कुछ खास निर्देश दिए। पीएम मोदी ने कहा कि देश को अब 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना सहित नए लक्ष्य तय करने चाहिए। इनमें 2040 तक चंद्रमा पर पहला भारतीय भेजना भी शामिल है। इस टारगेट को पाने के लिए अंतरिक्ष विभाग चंद्रमा की खोज को लेकर रोडमैप तैयार करेगा।
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Ranjeet Kumar Pathak
( B.Sc Physics V.K.S. University )