कंचनजंगा राष्ट्रीय पार्क: दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची पर्वत चोटी पर मौजूद

कंचनजंगा राष्ट्रीय पार्क: दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची पर्वत चोटी पर मौजूद

कंचनजंगा राष्ट्रीय पार्क

पूर्व-भारत में मौजूद कुछ ऐसी जगहें हैं, जो सिर्फ भारत के अन्य राज्यों में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। जिस पैमाने पर लोग हिमाचल, उत्तराखंड और लद्दाख जैसी जगहों पर घूमने के लिए जाते हैं उससे अधिक ही पर्यटक पूर्व-भारत में भी घूमने के लिए पहुंचते हैं। यहां मौजूद अद्भुत झरने, झील, पर्वत और नेशनल पार्क विश्व भर में प्रसिद्ध हैं। सिक्किम और हिमालय की गोद में मौजूद कंचनजंगा नेशनल पार्क दुनिया की तीसरी सबसे उंची पर्वत पर मौजूद है, जहां हर साल लाखों देशी और विदेशी पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। लगभग 8 हज़ार से भी अधिक मीटर की ऊंचाई पर मौजूद जैव विविधता में अद्वितीय होने के साथ-साथ वनस्पतियों और जीवों की सबसे अधिक प्रजातियों का घर भी है। आज इस लेख में हम आपको कंचनजंगा नेशनल पार्क के बारे में करीब से बताने जा रहे हैं, जहां आप भी एक बार घूमने जाना ज़रूर पसंद करेंगे, तो आइए जानते हैं।

कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है और इसका क्षेत्रफल 1784 वर्ग किमी है। युकसोम में यह उच्च ऊंचाई वाला राष्ट्रीय उद्यान अपने शानदार वन्य जीवन के लिए जाना जाता है जहां लाल पांडा, हिम तेंदुआ, महान तिब्बती भेड़, भरल, कस्तूरी मृग आदि जैसी विदेशी जानवरों की प्रजातियां देखी जा सकती हैं। पार्क में कई पक्षी प्रजातियाँ भी हैं जैसे ब्लैक-नेक्ड क्रेन, ग्रस निग्रिकोलिस, ग्रे पीकॉक तीतर, हिमालयन मोनाल तीतर, ब्लड तीतर, सैटिर ट्रैगोपैन, तिब्बती स्नो कॉक और हिमालयन स्नो कॉक। कंचनजंगा नेशनल पार्क में लगभग 18 ग्लेशियर हैं, जिनमें ज़ेमू ग्लेशियर भी शामिल है, जो अपने विशाल आकार के लिए काफी प्रसिद्ध है। इसके अलावा, राष्ट्रीय उद्यान में 17 से अधिक अल्पाइन झीलों के साथ-साथ लगभग 19 हिमालय पर्वत चोटियों का दृश्य भी है, जिनमें से लोकप्रिय माउंट कंचनजंगा भी है। राष्ट्रीय उद्यान के बफर जोन में थोलुंग मठ नामक एक पवित्र मंदिर भी है।

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