क्या आप जानते हैं? केके पाठक को पद से कौन हटा सकता है?

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क्या आप जानते हैं? केके पाठक को पद से कौन हटा सकता है?

K.K Pathak बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के नाम भर से शिक्षक दहशत में आ जाते हैं। केके पाठक का असर सिर्फ शिक्षकों पर ही नहीं बल्कि नेताओं पर भी दिख रहा है। बिहार के 15 एमएलसी केके पाठक को हटाने के लिए राज्यपाल के पास पहुंच गए थे। उन्होंने राज्यपाल से केके पाठक की शिकायत की थी।
केके पाठक को कैसे पद से हटाया जा सकता है?

बता दें कि केके पाठक (k.k pathak) को हटाने के लिए इन एमएलसी का कुछ नहीं चलेगा। केके पाठक को हटाना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अधिकार क्षेत्र में भी नहीं है। नीतीश कुमार को किसी भी IAS को केवल सस्पेंड करने का अधिकार है या ट्रांसफर करने का अधिकार है। वह किसी आईएएस को नहीं हटा सकते हैं।

राज्यपाल के पास भी आईएएस को हटाने या सस्पेंड करने का भी अधिकार नहीं है। हालांकि, राज्यपाल मामले पर संज्ञान ले सकते हैं और राज्य सरकार से निलंबन का कारण पूछ सकते हैं।

आईएएस को हटाने का अधिकार राष्ट्रपति के पास


बता दें कि एक IAS अधिकारी को राष्ट्रपति नियुक्त करता है। केंद्र सरकार उसे भारतीय गजट में नोटिफाय करती है, इसलिए ये उच्च अधिकारी या गजेटेड अधिकारी भी कहलाते हैं। यानी कि राष्ट्रपति के अलावा इन्हें कोई नहीं हटा सकता है। हालांकि, आईएएस की गलती की जांच के बाद आरोप साबित होने पर ही निलंबित या बर्खास्त किया जा सकता है।

हालांकि, इस दौरान उस आईएएस को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका दिया जाता है। अगर वह अपने पक्ष को सही तरीके से रख देता है तो फिर उसे पद पर बने रहने से कोई नहीं रोक सकता है। वहीं अगर वह दोषी पाया जाता है तो राज्य सरकार पहले निलंबित करती है फिर जांच का आदेश देती है।

जांच में दोषी पाए जाने पर केंद्र सरकार और लोक सेवा आयोग को रिपोर्ट भेजी जाती है। फिर केंद्र सरकार इस रिपोर्ट को राष्ट्रपति के पास भेजती है। फिर राष्ट्रपति अपने विवेक से फैसला लेता है।

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